जुले जुले चे नंदजी नो लाल – भजन लिरिक्स

जुले जुले चे नंदजी नो लाल भजन लिरिक्स

“जुले जुले चे नंद जी नो लाल” एक जीवंत और भक्ति से भरा भजन है, जो भगवान कृष्ण की आनंदमय झूलन का उत्सव मनाता है। इसमें कृष्ण को नंदजी के प्रिय पुत्र के रूप में दर्शाया गया है। भजन में कृष्ण अपनी राधिका के साथ आनंदपूर्वक झूलते हुए दिखाए गए हैं, जो उनकी दिव्य खेलकूद और आपसी गहन स्नेह को दर्शाता है।

जुले जुले चे नंदजी नो लाल भजन लिरिक्स

हो..झुले रे नंदजी का लाल, राधिका के संग में झूले रे
झुले रे नंदजी का लाल, राधिका के संग में झूले रे

हो..झुले रे नंदजी का लाल, राधिका के संग में झूले रे
झुले रे नंदजी का लाल, राधिका के संग में झूले रे

ब्रह्मा झुलावे ब्रह्म तेज के हिंडोले (२)
शिवजी झुलावे कैलास, राधिका के संग में झूले रे (२)

देवता झुलावे सोने का पालना (२)
नारद झुलावे विणा नाद, राधिका के संग में झूले रे (२)

नंदजी झुलावे हीरा मोती का पालना (२)
यशोदा झुलावे लोरी गाई , राधिका के संग में झूले रे (२)

गोप झुलावे श्री कृष्णजी को पालना (२)
गोपीया झुलावे कुंज मा , राधिका के संग में झूले रे (२)

राधाजी झुलावे कृष्ण को हृदय में (२)
मीरा झुलावे भजन गाय , राधिका के संग में झूले रे (२)

संत झुलावे सतसंग में पालना (२)
भक्तो झुलावे भक्ति माय , राधिका के संग में झूले रे (२)

कृष्ण दर्शन की शोभा है न्यारी (२)
ह्रदय में आनंद आय, राधिका के संग में झूले रे (२)

हो..झुले रे नंदजी का लाल, राधिका के संग में झूले रे (२)
हो..झुले रे नंदजी का लाल, राधिका के संग में झूले रे (२)

इसे शेयर करे: