ॐ जय यमुना माता – आरती लिरिक्स

ॐ जय यमुना माता आरती लिरिक्स

यह मंत्र यमुना माता के प्रति सम्मान और प्रेम को व्यक्त करता है, जो यमुना नदी की देवी मानी जाती हैं। यमुना नदी को हिंदू परंपराओं में अत्यंत पवित्र और पूजनीय माना गया है, और यमुना माता को एक करुणामयी व रक्षक मातृ-स्वरूप के रूप में देखा जाता है, जो अपने भक्तों को शांति और समृद्धि प्रदान करती हैं।

जब भक्त “ॐ जय यमुना माता” का उच्चारण करते हैं, तो वे देवी यमुना माता की स्तुति करते हुए उनसे कृपा और आशीर्वाद की प्रार्थना करते हैं। यह आरती उन अनेक भक्तिपूर्ण साधनाओं में से एक है, जिनके माध्यम से भक्त ईश्वर से जुड़ते हैं और उनकी स्नेहमयी उपस्थिति के लिए कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।

लिरिक्स – ॐ जय यमुना माता

ॐ जय यमुना माता,हरि ॐ जय यमुना माता ।
जो नहावे फल पावेसुख दुःख की दाता ॥ १ ॥

॥ ॐ जय यमुना माता ॥

पावन श्रीयमुना जलशीतल अगम बहै धारा ।
जो जन शरण में आयाकर दिया निस्तारा ॥ २ ॥

॥ ॐ जय यमुना माता ॥

जो जन प्रातः ही उठकरनित्य स्नान करे ।
यम के त्रास न पावेजो नित्य ध्यान करे॥ ३ ॥

॥ ॐ जय यमुना माता ॥

कलिकाल में महिमातुम्हारी अटल रही।
तुम्हारा बड़ा महातमचारों वेद कही ॥ ४ ॥

॥ ॐ जय यमुना माता ॥

आन तुम्हारे माताप्रभु अवतार लियो ।
नित्य निर्मल जल पीकरकंस को मार दियो ॥ ५ ॥

॥ ॐ जय यमुना माता ॥

नमो मात भय हरणीशुभ मन्गल करणी ।
मन बेचैन भया हैतुम बिन वैतरणी ॥ ६ ॥

॥ ॐ जय यमुना माता ॥

ॐ जय यमुना माता,हरि ॐ जय यमुना माता ।
जो नहावे फल पावेसुख दुःख की दाता ॥ ७ ॥

॥ ॐ जय यमुना माता ॥

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