उतारो आरती श्री कृष्ण घेर आव्या – भजन लिरिक्स

उतारो आरती श्री कृष्ण घेर आव्या भजन लिरिक्स

“उतारो आरती श्री कृष्ण घेर आव्या” एक सुंदर और भक्तिपूर्ण आरती है, जो भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है और उनके घर आगमन का उत्सव मनाती है। यह आरती भगवान को घर में पधारने पर सम्मान और प्रेमपूर्वक स्वागत करने का एक आध्यात्मिक माध्यम है। भक्त इसे अत्यंत भक्ति भाव से गाते हैं, मानो श्रीकृष्ण स्वयं उनके घर आए हों। यह भगवान के प्रति श्रद्धा, कृतज्ञता और उनकी दिव्य उपस्थिति का अनुभव कराने वाला पवित्र क्षण होता है।

उतारो आरती श्री कृष्ण घेर आव्या भजन लिरिक्स

उतारो आरती श्री कृष्ण घेर आव्या
माता यशोदा कुंवर कान घेर आव्या
हरख ने हुलामणे शामलियो घेर आव्या
झीणे झीणे चोखलिये ने मोतीड़े वधाव्या रे
उतारो आरती श्री कृष्ण घेर आव्या
माता यशोदा कुंवर कान घेर आव्या

काळाने काबरिया किधा वेरीना मन वरती लिधा
वामनजी नु रूप धरिने बलिराजा बोलाव्या रे
उतारो आरती श्री कृष्ण घेर आव्या
माता यशोदा कुंवर कान घेर आव्या

नरसिंह रूपे नोर वधार्या आपे ते हरनाकंस मार्यो
प्रहलादने पोतानो जानी अग्निथी उगायरो रे
उतारो आरती श्री कृष्ण घेर आव्या
माता यशोदा कुंवर कान घेर आव्या

दादुर रूपे दैत्य संहार्यो भक्त जनो नो फेरो टाळ्यो
हुमन दासी चरणे राखी नामे वैकुंठ पाम्या रे
उतारो आरती श्री कृष्ण घेर आव्या
माता यशोदा कुंवर कान घेर आव्या

परशुरामे फरशी लीधी, सहस्त्रार्जुन ने हाथे मार्यो
कामधेनुनी वारु किधी जयदेवने उगायरो रे
उतारो आरती श्री कृष्ण घेर आव्या
माता यशोदा कुंवर कान घेर आव्या

कश्यप रूपे करनी किधी सघळी पृथ्वी जीती लीधी
नागने तो दमन करिने चौदे रत्नो लाव्या रे
उतारो आरती श्री कृष्ण घेर आव्या
माता यशोदा कुंवर कान घेर आव्या

सातमे तो सान किधी समुद्र ऊपर पाल बांधी
गढ लंकानो कोठो तोड़यो महादेव हर्देव वार्या रे
उतारो आरती श्री कृष्ण घेर आव्या
माता यशोदा कुंवर कान घेर आव्या

सावसोना नी लंका बाळी दशमाथा नो रावण मार्यो
विभीषणने राज सोंप्यू सीता वाली लाव्या रे
उतारो आरती श्री कृष्ण घेर आव्या
माता यशोदा कुंवर कान घेर आव्या

नवमे बुधनु ध्यान धरिने अजंपाना जाप जपिने
रणुकारमा रसिया थैने सोये भगत ने तार्या रे
उतारो आरती श्री कृष्ण घेर आव्या
माता यशोदा कुंवर कान घेर आव्या

दसमे तो दया बहु किधी नकलंकी नु रूप धरिने
कलजुगने तो मारी जोमे भक्तोने उगार्या रे
उतारो आरती श्री कृष्ण घेर आव्या
माता यशोदा कुंवर कान घेर आव्या

इसे शेयर करे: