By BhajanSparsh
Aug 16, 2024
रक्षाबंधन श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिन्दू और जैन त्योहार है। इसे श्रावणी या सलूनो भी कहा जाता है।
रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम और सुरक्षा का प्रतीक है। बहन भाई की कलाई पर राखी बांधती है और भाई उसकी रक्षा का वचन देता है।
क्या आप जानते हैं कि रक्षाबंधन का वामन अवतार से भी संबंध है? यह कहानी पौराणिक महत्व और एक अद्भुत धार्मिक कथा को दर्शाती है।
वामन अवतार विष्णु का पाँचवाँ अवतार है, जिसमें उन्होंने एक बौने ब्राह्मण बालक का रूप धारण किया और राजा बलि की परीक्षा ली।
राजा बलि ने तीनों लोकों पर विजय प्राप्त की। भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर तीन पग भूमि दान में मांगी।
विष्णु ने दो पग में आकाश और पृथ्वी नापी, तीसरे पग में बलि को पाताल भेजा। बलि ने अपनी भक्ति और समर्पण से भगवान विष्णु को प्रसन्न किया।
भगवान विष्णु ने राजा बलि को वरदान दिया कि वह हमेशा उनके साथ रहेंगे।भगवान के बली के साथ रहने से लक्ष्मी जी चिंतित हो गईं।
लक्ष्मी ने नारदजी के सुझाव पर बलि को राखी बांधी और विष्णु को वापस मांगा। इसी दिन से श्रावण पूर्णिमा पर रक्षाबंधन मनाया जाता है।