शीतला सातम: देवी शीतला की पूजा का महत्व और विधि

By BhajanSparsh

Aug 15, 2024

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गुजरात में श्रावण कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को शीतला सातम मनाई जाती है।

शीतला सातम पर्व

यह त्योहार श्री कृष्ण के जन्मोत्सव जन्माष्टमी से एक दिन पहले आता है।

जन्माष्टमी से पहले का पर्व

इस दिन सौभाग्यवती महिलाएं देवी शीतला का व्रत रखती हैं और विशेष पूजा-अर्चना करती हैं।

व्रत और पूजा

मुख्यतः महिलाएं अपने बच्चों के स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना के लिए देवी की पूजा करती हैं।

स्वास्थ्य और दीर्घायु

शीतला सातम पर एक अनूठी परंपरा है—इस दिन भक्त एक दिन पहले बना हुआ भोजन खाते हैं। इसी कारण इसे बसौड़ा या बसिओरा भी कहा जाता है।

अनूठी परंपरा

स्थानीय मान्यता के अनुसार, देवी शीतला गर्मी से होने वाली बीमारियों का इलाज करती हैं।

मान्यता

इस दिन भक्त चेचक, खसरा और अन्य गर्मी से होने वाली बीमारियों के इलाज के लिए देवी की पूजा करते हैं।

बीमारियों का इलाज

यह त्यौहार शीतला सप्तमी या शीतला अष्टमी (या बसौड़ा) से मिलता-जुलता है, जो चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी या अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।

सप्तमी और अष्टमी